आखिर क्यों बना हुआ है चर्चा का विषय कादर नंगला का सरकारी स्कूल


अनिल बजाज ---- ब्यूरो चीफ खैरथल तिजारा 




 लगातार सुर्खियों में बना रहता है कदर नंगला से स्कूल के अध्यापक सुमित यादव


अपने वेतन के लगभग 16 लाख रुपए खर्च कर चुके हैं कादर नंगला की स्कूल के लिए 



राज्य सरकार भी दे चुकी है अध्यापक सुमित यादव को  भामाशाह सम्मान पुरस्कार 





इन दिनों चर्चा एवं सुर्खियों में बने हुए एक विद्यालय और शिक्षक के बारे में बात करते हैं हाल ही में राज्य सरकार ने 28 जून को भामाशाह सम्मान पुरस्कारों की घोषणा की जिसमें एक नाम था अलवर जिले से सुमित कुमार यादव जो खुद एक किराए के छोटे से कमरे में रहते हैं ना उनके पास अपने कोई संपत्ति या कारोबार लेकिन दान देने के लिए धन से ज्यादा दिल और जुनून की आवश्यकता होती है राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कादर  नगला मुंडावर में पिछले 13 साल से कार्यरत इनकी चर्चा  खास  बनी हुई है। क्योंकि यह कोई बहुत अमीर या उद्योगपति नहीं है बल्कि इसी विद्यालय में पढ़ने वाले एक शिक्षक हैं जो वर्ष 2012 से यहां कार्यरत है इन्होंने अपने वेतन की बचत का एक बड़ा हिस्सा अपने ही विद्यालय में विकास कार्यों सुविधाओं बच्चों के लिए ड्रेस स्टेशनरी फर्नीचर आदि के लिए खर्च कर दिया है ।लगभग 16 लख रुपए अपने वेतन से अभी तक खर्च कर चुके हैं। इन्होंने अपने सरकारी विद्यालय को बहुत ही शानदार शिक्षण संस्थान में बदल दिया अभाव से जूझता हुआ एक जर्जर विद्यालय इन्हें मिला था लेकिन आज इस विद्यालय में कोई ऐसी सुविधा नहीं है जो उपलब्ध नहीं अध्यापक सुमित यादव के इस प्रयास और मेहनत के लिए उन्हें कई बार प्रशासन के द्वारा सरकार के द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। भामाशाह पुरस्कार प्राप्त करने के उपरांत ग्रामीणों के द्वारा अध्यापक सुमित यादव का भव्य स्वागत किया गया ग्रामीणों ने बताया की कुछ साल पहले यह विद्यालय बहुत ही जर्जर और पिछड़ा स्थिति में था। सुविधाओं का अभाव था दीवारें मलिन थी कक्षा कक्ष टपकते रहते थे हरियाली नाम की कोई चीज ही नहीं थी। लेकिन आज हमारा विद्यालय बहुत ही शानदार स्थिति में पहुंचा है इसके लिए संस्था प्रधान सुमित यादव  का तहे दिल से हम धन्यवाद करते हैं ।एक समय गांव में पढ़े-लिखे लोगों की बहुत कमी थी आज उनकी प्रेरणा से गांव के अनेक बच्चे उच्च शिक्षण कर रहे हैं गांव के लोगों को जागरूक किया है तथा उनको अपने बच्चों को पढ़कर आत्मनिर्भर और अच्छे नागरिक बनने की प्रेरणा दिए विद्यालय में प्रवेश करते ही आपको इस विद्यालय का मनोरम दृश्य मोहित कर लेगा ।विकास कार्यों में जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यापक वृक्षारोपण अभियान बच्चों के सुविधा के लिए जूते जुराब जर्सी स्टेशनरी बैग टाई बेल्ट लोअर टी-शर्ट आदि का वितरण बैठने की व्यवस्था के लिए बच्चों हेतु फर्नीचर एवं सर्दी के मौसम में बैठने के लिए गद्दे  पूरी बिल्डिंग जिसकी छठे टपकती थी कुछ छतों की मरमत और कुछ का पुनर्निर्माण खिड़की जंगली दरवाजे जो टूटे हुए थे उन सब का पुनर्निर्माण और मरमत कार्य विद्यालय में कंप्यूटर लैब स्थापित की सीसीटीवी कैमरे मां सरस्वती का एक मंदिर विद्यालय प्रांगण में दो मंच कार्यालय की छत तथा फर्श पर टायल करण रसोई घर की मरम्मत टायलीकरण और नए दरवाजे खिड़की पूरे स्कूल में प्लास्टिक पेंट तथा आकर्षक पेंटिंग्स बनवाई गई साथ ही कार्यालय तथा कक्षा  का कक्ष  हेतु लगभग ₹2,00000 की लागत से तीन अलमारी एक बुक सेल्फ गेस्ट शेयर प्लास्टिक चेयर रिवाल्विंग चेयर काउंटर सेंटर टेबल बड़ी संदूक आदि सामान उपलब्ध करवाया गया। इसके अलावा बहुत सारी अनंत सुविधा जो स्कूल को एक नया रूप देता है उपलब्ध करवाई गई इसे तो लगातार प्रयास करते हुए संस्था प्रधान सुमित यादव ने बताया कि मेरी यात्रा यहां से शुरू हुई है अभी अभी हमको बहुत आगे और सारे कार्य करने दान पर जब उनसे प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने कहा कि न केवल में धन के लिए दान करता हूं फिर 22 बार रक्तदान तथा जीवंत रहते हुए अपने नेत्रदान कर चुके हैं साथी बहुत सारी अन्य और संस्थाएं हैं जो जीव कल्याण और मानव सेवा में लगी है उनमें लगातार वह अपना सहयोग दे रहे हैं जिनमे मुख्यतः विजन संस्थान अलवर जो ₹1 में भोजन प्रदान करती है भवानी तो स्थित पशु चिकित्सालय परिसर में जीव संरक्षण केंद्र पर अपने नियमित सेवाएं तथा सहयोग देते हैं तथा अन्य सामाजिक कार्यों में भी बड़ चढ़कर भाग लेते हैं सेवायम परमो धर्म में विश्वास रखते हैं।

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