अपील RTI


प्रथम अपीलप्रथम अपील अधिकारी(विभाग का नाम)(विभाग का पता) विषय : सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 की धरा 19(1) के तहत प्रथम अपील।महोदय,1. मैने सूचना के अधिकार कानून, 2005 के तहत आपके विभाग के लोक सूचना अधिकारी से निम्नलिखित सूचना उपलब्ध् कराने के लिए आवेदन किया है:2. सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 में सूचना देने के लिए निर्धारित की गई समयाविध् के समाप्त हो जाने के बावजूद, - - लोक सूचना अधिकारी द्वारा मुझे अब तक किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई है। - मुझे जो जवाब प्राप्त हुआ है. वह अधूरा है /  गलत है / मेरे आवेदन से सम्बंधित नहीं है।आपसे निवेदन है कि सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 की धरा-19(1) के तहत इस विषय पर सुनवाई करें तथा लोक सूचना अधिकारी को मुझे सूचना प्रदान करने का आदेश दें। सूचना के अधिकार के प्रावधान के अनुसार लोक सूचना अधिकारी को मेरे द्वारा मांगी गई सारी सूचना नि:शुल्क उपलब्ध् कराने का भी आदेश दें। साथ ही, सूचना के अधिकार अधिनियम के उल्लंघन के लिए लोक सूचना अधिकारी पर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही  करने का आदेश दें।धन्यवादनाम :पता :दिनांक : संलग्नक :1.    आवेदन की प्रति, 2.    आवेदन शुल्क के रसीद की प्रति,3.    लोक सूचना अधिकारी द्वारा दिये गये जवाब की प्रति।

दूसरी अपील/शिकायतसेवा में,
केन्द्रीय/ राज्य मुख्य सूचना आयुक्त
केन्द्रीय/राज्य सूचना आयोग
...............................................
...............................................
विषय: सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 19/18 के तहत द्वितीय अपील/शिकायत।
क्रमांक
वांछित सूचनाएं
आवेदक द्वारा भरा जाये
1
आवेदक/ शिकायतकर्ता का नाम एवं पता
2
(क) लोक सूचना अधिकारी का नाम एवं पता जिसके विरूद्व अपील/ शिकायत है।

(ख) आवेदन जमा करने की तिथि

(ग) लोक सूचना अधिकारी से प्राप्त जवाब की तिथि
3
(क) प्रथम अपील अधिकारी का नाम एवं पता

(ख) प्रथम अपील जमा करने की तिथि

(ग) प्राप्त जवाब की तिथि
4
आदेशों का विवरण, यदि कोई हो
5
अपील किये जाने से पहले तक के तत्थों का संक्षिप्त विवरण
6
यदि अपील डिम्ड रिफयजल के विरूद्व किया जाना है तो जिस लोक सूचना अधिकारी के यहां आवेदन किया गया था उसका नाम एवं पता और तिथि एवं नम्बर सहित आवेदन का संक्षिप्त विवरण दें।
7
आयोग से निवेदन व प्रार्थना
लोक सूचना अधिकारी को मेरे आवेदन में मांगी गई सूचना बिना किसी शुल्क के तुरन्त सात दिनों में प्रदान करने का आदेश दें। साथ ही आयोग से यह भी निवेदन है कि लोक सूचना अधिकारी के विरुद्व कानून की धारा 20(1) के तहत ज़ुर्माना लगाएं और धारा 20(2) के तहत लोक सूचना अधिकारी के विरुद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिये सिफारिश भी करें आयोग से निवेदन है कि मै इस मामले की सुनवाई में स्वयं या अपने प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित रहना चाहता हूं। अत: मुझे सभी सुनवाइयों की अगि्रम सूचना अवश्य प्रदान करें। साथ ही में यह भी निवेदन करना चाहता हूं कि इस मामले पर फैसला सुनवाई करने के बाद ही करें।
8
निवेदन व प्रार्थना का आधार
लोक सूचना अधिकारी ने सूचनाएं अब तक नही उपलब्ध् कराई है इसलिए सुचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 19/18 के तहत अपील/शिकायत दायर की जा रही है। सुचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 7(6) का संज्ञान लेते हुए लोक सूचना अधिकारी को आदेश दें कि सभी सूचनाएं मुफ्त में उपलब्ध् कराई जाये। साथ ही सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 20(1) एवं (2) के तहत लोक सूचना अधिकारी पर 250 रू0 प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाये और  अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिये सिफारिश भी करें।
9
अन्य सूचनाएं (यदि है तो)
10
सत्यापन
उपरोक्त अपील/ शिकायत के तथ्यों को दिनांक...........को सत्यापित किया गया है।

मैं ..........................उपरोक्त अपील/ शिकायत के तथ्यों को दिनांक....................को सत्यापित किया गया है।
मैं ....................................... सत्यापित करता हूं कि उपरोक्त मामले की सुनवाई किसी अन्य न्यायालय, अधिकरण अथवा किसी अन्य प्राधिकरण में नहीं की गई है अथवा विचाराधीन नहीं है। इस अपील में प्रदान की गई सूचनाएं मेरी जानकारी में सही हैं।
संलग्न सूची:
1-          
आवेदन की प्रति (Annexure A)2-          शूल्क रसीद का प्रति (Annexure B)3-          आवेदन पत्र को डाक द्वारा भेजे जाने की रसीद (Annexure C) (यदि हो)
4-          
प्रथम अपील की प्रति (Annexure D) (यदि हो)
5-          
प्रथम अपील को डाक द्वारा भेजे जाने की रसीद (Annexure E) (यदि हो)
6-        
द्वितीय अपील की प्रति को लोक सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपील अधिकारी को भेजे जाने की रसीद
नाम: ....................................
पता: ....................................
स्थान:
तिथि:
नोट: (केवल केन्द्रीय सूचना आयोग के लिए)1.    द्वितीय अपील/शिकायत की एक-एक प्रति लोक सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपील अधिकारी को भेजे।
 2.    द्वितीय अपील/शिकायत की दो प्रति केन्द्रीय सूचना आयोग में भेजनी होगी। साथ ही एक प्रति आपने पास रखे।
 भारत एक लोकतान्त्रिक देश है। लोकतान्त्रिक व्यवस्था में आम आदमी ही देश का असली मालिक होता है। इसलिए मालिक होने के नाते जनता को यह जानने का हक है कि जो सरकार उसकी सेवा के लिए बनाई गई है। वह क्या, कहां और कैसे कर रही है। इसके साथ ही हर नागरिक इस सरकार को चलाने के लिए टैक्स देता है, इसलिए भी नागरिकों को यह जानने का हक है कि उनका पैसा कहां खर्च किया जा रहा है। जनता के यह जानने का अधिकार ही सूचना का अधिकार है। 1976 में राज नारायण बनाम उत्तर प्रदेश मामले में उच्चतम न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 19 में विर्णत सूचना के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित किया। अनुच्छेद 19 के अनुसार हर नागरिक को बोलने और अभिव्यक्त करने का अधिकार है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जनता जब तक जानेगी नहीं तब तक अभिव्यक्त नहीं कर सकती। 2005 में देश की संसद ने एक कानून पारित किया जिसे सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के नाम से जाना जाता है। इस अधिनियम में व्यवस्था की गई है कि किस प्रकार नागरिक सरकार से सूचना मांगेंगे और किस प्रकार सरकार जवाबदेह होगी।
सूचना के अधिकार कानून के बारे में कुछ खास बातें:
सूचना का अधिकार अधिनियम हर नागरिक को अधिकार देता है कि वह -

  • सरकार से कोई भी सवाल पूछ सके या कोई भी सूचना ले सके.
  • किसी भी सरकारी दस्तावेज़ की प्रमाणित प्रति ले सके.
  • किसी भी सरकारी दस्तावेज की जांच कर सके.
  • किसी भी सरकारी काम की जांच कर सके.
  • किसी भी सरकारी काम में इस्तेमाल सामिग्री का प्रमाणित नमूना ले सके.

सभी सरकारी विभाग, पब्लिक सेक्टर यूनिट, किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता से चल रहीं गैर सरकारी संस्थाएं व शिक्षण संस्थाएं, आदि विभाग इसमें शामिल हैं. पूर्णत: निजी संस्थाएं इस कानून के दायरे में नहीं हैं लेकिन यदि किसी कानून के तहत कोई सरकारी विभाग किसी निजी संस्था से कोई जानकारी मांग सकता है तो उस विभाग के माध्यम से वह सूचना मांगी जा सकती है। (धारा-2(क) और (ज)
हर सरकारी विभाग में एक या एक से अधिक लोक सूचना अधिकारी बनाए गए हैं। यह वह अधिकारी हैं जो सूचना के अधिकार के तहत आवेदन स्वीकार करते हैं, मांगी गई सूचनाएं एकत्र करते हैं और उसे आवेदनकर्ता को उपलब्ध् कराते हैं। (धारा-5(१) लोक सूचना अधिकारी की ज़िम्मेदारी है कि वह 30 दिन के अन्दर (कुछ मामलों में 45 दिन तक) सूचना उपलब्ध् कराए। (धारा-7(1)
अगर लोक सूचना अधिकारी आवेदन लेने से मना करता है, तय समय सीमा में सूचना नहीं उपलब्ध् कराता है अथवा गलत या भ्रामक जानकारी देता है तो देरी के लिए 250 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 25000 तक का ज़ुर्माना उसके वेतन में से काटा जा सकता है। साथ ही उसे सूचना भी देनी होगी।
लोक सूचना अधिकारी को अधिकार नहीं है कि वह आपसे सूचना मांगने का करण पूछे (धारा 6(2)
सूचना मांगने के लिए आवेदन फीस देनी होगी (केन्द्र सरकार ने आवेदन के साथ 10 रुपए की फीस तय की हैलेकिन कुछ राज्यों में यह अधिक हैबीपीएल कार्डधरकों से सूचना मांगने की कोई फीस नहीं ली जाती (धारा 7(5)
दस्तावेजों की प्रति लेने के लिए भी फीस देनी होगी. (केन्द्र सरकार ने यह फीस 2 रुपए प्रति पृष्ठ रखी है लेकिनकुछ राज्यों में यह अधिक है, अगर सूचना तय समय सीमा में नहीं उपलब्ध् कराई गई है तो सूचना मुफ्रत दी जायेगी। (धारा 7(6)
यदि कोई लोक सूचना अधिकारी यह समझता है कि मांगी गई सूचना उसके विभाग से सम्बंधित नहीं है तो यहउसका कर्तव्य है कि उस आवेदन को पांच दिन के अन्दर सम्बंधित विभाग को भेजे और आवेदक को भी सूचितकरे। ऐसी स्थिति में सूचना मिलने की समय सीमा 30 की जगह 35 दिन होगी। (धारा 6(3)
सूचना आयोग से की जा सकती है।
सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाओं को अस्वीकार करने, अपूर्ण, भ्रम में डालने वाली या गलत सूचना देने अथवा सूचना के लिए अधिक फीस मांगने के खिलाफ केन्द्रीय या राज्य सूचना आयोग के पास शिकायत कर सकते है।
लोक सूचना अधिकारी कुछ मामलों में सूचना देने से मना कर सकता है। जिन मामलों से सम्बंधित सूचना नहीं दी जा सकती उनका विवरण सूचना के अधिकार कानून की धारा 8 में दिया गया है।
लेकिन यदि मांगी गई सूचना जनहित में है तो धारा 8 में मना की गई सूचना भी दी जा सकती है।
जो सूचना संसद या विधानसभा को देने से मना नहीं किया जा सकता उसे किसी आम आदमी को भी देने से मना नहीं किया जा सकता।
यदि लोक सूचना अधिकारी निर्धारित समय-सीमा के भीतर सूचना नहीं देते है या धारा 8 का गलत इस्तेमाल करते हुए सूचना देने से मना करता है, या दी गई सूचना से सन्तुष्ट नहीं होने की स्थिति में 30 दिनों के भीतर सम्बंधित लोक सूचना अधिकारी के वरिष्ठ अधिकारी यानि प्रथम अपील अधिकारी के समक्ष प्रथम अपील की जा सकती है (धारा 19(1)
 लोक सूचना अधिकारी यदि आवेदन लेने से इंकार करता है। अथवा परेशान करता है। तो उसकी शिकायत सीधे
 यदि आप प्रथम अपील से भी सन्तुष्ट नहीं हैं तो दूसरी अपील 60 दिनों के भीतर केन्द्रीय या राज्य सूचना आयोग (जिससे सम्बंधित हो) के पास करनी होती है। (धारा 19(3)

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