आयोग द्वारा प्रस्तुत अंतरिम प्रतिवेदन (वर्ष 2016-17
के लिए) के अंतर्गत की गई सिफारिशानुसार राज्य के स्वयं के शुद्ध कर
राजस्व के 7.182 प्रतिशत हिस्से का वितरण वर्ष 2011 की जनगणना रिपोर्ट के आधार पर पंचायती राज संस्थाआें एवं नगरीय स्थानीय
निकायों के मध्य 75.1 एवं 24.9 प्रतिशत
के अनुपात में किये जाने एवं राशि का वितरण जिलेवार निर्धारित भारांकन के आधार पर
जिले की जिला परिषद को 5 प्रतिशत, पंचायत
समितियों को 20 प्रतिशत एवं ग्राम पंचायतों को 75 प्रतिशत हिस्सा राशि दिये जाने की संस्तुति की गई है।
योजना के उददेश्य
§ जिला परिषद पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतों को यह राशि
निर्बंध अनुदान (Untied Fund) के रूप में उपलब्ध कराई जावेगी।
जिला परिषदें, पंचायत समितियाँ एवं ग्राम पंचायते इस राशि का
उपयोग ऐसे विकास कार्यों, जिन्हे किसी अन्य योजनाओं/
प्रोग्राम के अंतर्गत कार्यान्वित नहीं किया जा सकता है, को
संपादित करने हेतु कर सकेगी।
§ जिला प्रमुखों/ प्रधानों एवं सरपंचों के मानदेय एवं भत्तों
तथा पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को देय भत्तों का भुगतान
वित्त विभाग द्वारा अनुमोदित दरों से इस मद अंतर्गत प्राप्त राशि से किया जावेगा।
§ पंचायती राज संस्थाओं को प्रदत्त अनुदान का सबसे अच्छा
उपयोग किस जनसेवा के लिए किस रूप में क्या होगा इसका निर्णय संबंधित पंचायती राज
संस्था द्वारा किया जावेगा परंतु उसे इस अनुदान से इन जन सेवाओं के लिए नये या
अतिरिक्त कर्मचारी नियुक्त करने की इजाजत नहीं होगी। राज्य वित्त आयोग के तहत
पंचायती राज संस्थाओं को प्राप्त होने वाली अनुदान राशि के प्रथम चार्ज के रूप में
ग्रामीण क्षेत्रों में पेजयल व्यवस्था बाबत जल योजना के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष
सम्पूर्ण व्यय (वेतन, मानदेय, मजदूरी,
विद्युत व्यय, रखरखाव, पुर्नस्थापना
आदि) वहन किया जाना है एवं पंचायत समितियों के अधीन कार्यरत हैण्डपम्प मिस्त्रियों
एवं फिटर्स के वेतन भत्तों का भुगतान इस मद अंतर्गत प्राप्त राशि से किया जायेगा।
§ पंचायती राज संस्थाएं राज्य वित्त आयोग पंचम के अंतर्गत
उपलब्ध कराई जा रही राशि से आधारभूत नागरिक सेवाओं के सृजनए संवर्धन एवं रखरखाव से
संबंधित निम्नांकित कार्य संपादित कर सकेंगी:-
I.
ठोस कचरा प्रबंधन से
संबंधित कार्य।
II.
गलियों एवं सड़को पर
प्रकाश व्यवस्था।
III.
शवदाह एवं कब्रिस्तान का
रख-रखाव।
IV.
पेयजल आपूर्ति।
V.
स्वच्छता (जिसमें
व्यक्तिगत/सार्वजनिक शौचालयों, मूत्रालयाे का
निर्माण शामिल है) एवं सफाई व्यवस्था।