मेरे सपनों का भारत

"हे भारतीय युवक  ज्ञानी- विज्ञानी 
मानवता के प्राणी 
संकीर्ण तुच्छ लक्ष्य की लालसा पाप है 
मेरे सपने बड़े हैं 
मै मेहनत करूँगा मेरा देश महान हो 
धनवान हो गुणवान हो
यह प्रेरणा का भाव अमूल्य है कहीं भी धरती पर 
उससे ऊपर या नीचे दीप जलाए रखूँगा 
जिससे मेरा देश महान हो"

                          ए. पी. जे. अब्दुल कलाम 

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