बीसवीं
शताब्दी के दौरान समाजों में परिवर्तन हुआ और वे कृषि समाज, जहां शारीरिक श्रम
महत्त्वपूर्ण कारक था, से औधोगिक समाज में बदल गए जहां प्रोधोगिकी, पूंजी और श्रम
का प्रबंधन प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करता था | सुचना युग जन्म पिछले दशकों में
हुआ | कनेक्टिविटी तथा सॉफ्टवेर उत्पादों ने कुच्छ देशों की अर्थव्यवस्था का संचालन
किया | इक्कीसवीं सदी में एक नया समाज उभर राह है | पूंजी व श्रम की बजाय ज्ञान का
प्रमुख उत्पादन श्रोत बन गया है |
विज्ञान के ज्ञान का प्रभावी इस्तेमाल देश में व्यापक सम्पनता ला
सकता है और बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा,आधार – तंत्र तथा अन्य सामजिक सूचकों के रूप में
जीवन स्तर को सुधार सकता है | एक बौधिक समाज का आधार – तंत्र बनाना तथा उसे बरक़रार
रखना, कर्मचारियों की जानकारी में वृद्धि करना तथा नए ज्ञान के निर्माण, विकास तथा
दोहन द्वारा उनकी उत्पादकता बढ़ाना इस बौद्धिक समाज की सम्पनता का निर्णायक तत्व
होगा |
एक देश बौद्धिक समाज में परिवर्तित हुआ है या नहीं, इसका निर्णय इस आधार पर
होगा की वह सुचना प्रोधोगिकी, उद्योग, कृषि,स्वास्थ्य, आदि क्षेत्रों में प्रकार
ज्ञान की उत्पत्ति तथा विस्तार करता है | विभिन्न समाजों की आर्थिक प्रगति को
चित्र द्वारा भी समझ सकते हैं |