देश के लिए अंतरद्रष्टि
सन 1857 में स्वतंत्रता के लिए भारत का पहली
अंतरद्रष्टि का बीज पड़ा, जो नब्बे वर्षों के बलिदान तथा संघर्ष के बाद 1947 में
फलित हुआ इस अंतरद्रष्टि ने विभिन्न क्षेत्रो, जैसे – राजनीती, दर्शन, विज्ञान,
प्रोधोगिकी, तथा उद्योग में श्रेष्ठ नेताओं को उत्पन्न किया |
साथ
ही जीवन के विभिन्न पक्षों, जैसे – शिक्षा कृषि सामरिक महत्व के क्षेत्र लघु और
विशाल उद्धोगों में सुधार देखने को मिले | अब स्वतंत्रता के बाद 72 से अधिक वर्ष बीत
चुकें हैं और हम अभी भी 8 देशों दूर सैकड़ों विकासशील देशों में हैं | वास्तव् में
हमारे सामने कई चुनोतीयां हैं | इसी कारण वर्ष 2020 तक विकसित भारत की काल्पन की
गई थी |
प्रधोगिकी विजन – 2020 पर
टी.आई.एफ.ए.सी. का अध्ययन
हमारे विचार में, एक विकसित देश वह है जिसके
पास आर्थिक संपन्नता तथा राष्ट्रीय सुरक्षा पर व्यापक रूप से ध्यान देनें तथा इन
उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए समन्वित रणनीतियां, प्रोधोगिकियाँ तथा मिशन
विकसित करने की क्षमता हो | यह भी एक तथ्य है की प्रोधोगिकी भू-राजनीतीकशक्ति की
स्थापित मुद्रा है और भारतीय संधर्भ में, आर्थिक विकास तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए
प्रोधोगिकी ही प्रेरक सक्तियाँ हो सकती है |
उपर्युक्त वास्तविकता को समझते हुए राष्ट्रीय
विशषज्ञों की दो भिन्न धाराओं – टेक्नोलोजी इन्फोर्मेशन फोरकास्टिंग असेसमेंट
काउन्सिल (टी.आई.एफ.ए.सी.) जो विज्ञान तथा प्रोधिगिकी विभाग के अंतर्गत एक
स्वायत संगठन है और डिपार्टमेंट ऑफ़ डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (रक्षा अनुसंधान तथा विकास विभाग) द्वारा दो
दस्तावेज तैयार किये गए हैं | 17 खण्डों में टेक्नोलोजी विजन 2020 तथा “इंटिग्रेटेड
स्ट्रेटजीज टेक्नोलोजीज एंड मिशन फॉर कोम्प्रिहेंसिव नेशनल सिक्योरिटी” (विस्तृत
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए समन्वित रणनीतियां प्रोधोगिकियां तथा मिशन) इन दोनों
दस्तावेजों में व्यापक रूप से आर्थिक विकास के पहलुओं पर चर्चा की गई हैं , और
प्रोधोगिकी को संयोजक तत्व माना गया है | इन दोनों दस्तावेजों के मिश्रण से आई.
एम.एम. ( इंडिया मिलेनियम मिशंन्स ) भारत सह्स्त्रब्दी मिशन की उत्पत्ति
हुई है जो वर्ष 2020 तक एक शक्तिशाली तथा विकसित भारत बनाने के लिए एक उत्तम
रुपरेखा तथा नक्शा प्रदान किया |